हम आज भी दोस्त हैं पर एक सवाल हैं क्या यही प्यार है ? हम आज भी दोस्त हैं पर एक सवाल हैं क्या यही प्यार है ?
आशा है आप को मेरी यह आत्मकथा अच्छी लगी होगी....... आशा है आप को मेरी यह आत्मकथा अच्छी लगी होगी.......
लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास। लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
अगर इतना वक्त इन कहानियों के साथ बिता पाए तो ही ऐसा हो पाता है। अगर इतना वक्त इन कहानियों के साथ बिता पाए तो ही ऐसा हो पाता है।
हम किन्नर है, ऐसे अनाथ बच्चे पालना हमारा काम नहीं है हम किन्नर है, ऐसे अनाथ बच्चे पालना हमारा काम नहीं है
तब ज़िम्मेदारी कम थी बस आज में जीना मायने रखता था। तब ज़िम्मेदारी कम थी बस आज में जीना मायने रखता था।